Fertilizer subsidy किसानों को बड़ा तोहफा: अब उर्वरकों पर सब्सिडी, ऐसे उठाएं फायदा
सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ाई। किसानों के लिए राहत, लेकिन उर्वरकों की बढ़ती कीमतें अब भी चिंता का विषय। जानें सब्सिडी का लाभ उठाने के तरीके।
किसानों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर अतिरिक्त सब्सिडी की अवधि को 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया है। इस फैसले से सरकारी खजाने पर 3,850 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इससे किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों का असर कम होगा।
डीएपी और एमओपी की बढ़ती कीमतें
केंद्र सरकार के इस फैसले के बावजूद, किसानों के सामने डीएपी और अन्य उर्वरकों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी का संकट है।
उर्वरक | 2009-10 की कीमत (रु./टन) | 2023 की कीमत (रु./टन) |
---|---|---|
डीएपी | 9,350 | 27,000 |
एमओपी | 4,455 | 34,644 |
डीएपी की कीमत 2009-10 के मुकाबले तीन गुना हो चुकी है। इसी तरह, म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) की कीमत में भी लगभग आठ गुना वृद्धि हुई है।
सब्सिडी में भारी कटौती का आरोप
किसान संघ ने आरोप लगाया है कि पिछले वर्षों में उर्वरक सब्सिडी में भारी कटौती की गई है।
- 2022-23 बजट: 51,339 करोड़ रुपये।
- 2023-24 संशोधित बजट: 1,88,894 करोड़ रुपये।
- 2024-25 बजट अनुमान: 1,64,000 करोड़ रुपये।
सब्सिडी में यह कटौती किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।
बढ़ता आयात और घरेलू उत्पादन की कमी
भारत अब अपनी उर्वरक आवश्यकताओं के लिए तेजी से आयात पर निर्भर हो गया है।
- डीएपी की आयात हिस्सेदारी: 60%।
- एमओपी की आयात हिस्सेदारी: 100%।
घरेलू उत्पादन में कमी और आयात पर निर्भरता के कारण किसानों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
उर्वरक कंपनियों का मुनाफा
2022 में उर्वरक कंपनियों का मुनाफा मार्जिन 36% तक बढ़ गया, जो कि 2007-08 के वैश्विक संकट के बाद सबसे अधिक है। किसान संघ ने कहा कि कंपनियों का यह मुनाफा किसानों के लिए संकट खड़ा कर रहा है।
किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है सब्सिडी?
सरकार की नई सब्सिडी योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को इन बातों का ध्यान रखना होगा:
- स्थानीय कृषि केंद्र से संपर्क करें: किसानों को सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी यहां से मिल सकती है।
- आधिकारिक पोर्टल का उपयोग करें: सब्सिडी का लाभ लेने के लिए सरकारी पोर्टलों के माध्यम से आवेदन करें।
- खेतों में संतुलित उर्वरकों का उपयोग करें: डीएपी और एमओपी जैसे उर्वरकों का सही अनुपात में उपयोग करें।
किसानों की प्रतिक्रिया
कई किसान संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने इसे आलोचना के साथ लिया है। उनका कहना है कि सब्सिडी का बड़ा हिस्सा कंपनियों के मुनाफे में चला जाएगा, जबकि किसानों को इसका सीमित लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम किसानों के लिए राहत लेकर आया है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव पर सवाल उठ रहे हैं। किसानों को चाहिए कि वे इस योजना का लाभ उठाने के लिए पूरी जानकारी प्राप्त करें और जागरूकता बढ़ाएं।